Monday, May 20th, 2024

गोबर पिलाने की घटना अत्यंत दुखद, चिकित्सक के पास जाना सही होता है :डॉ. मिश्र 

रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि बालोद के पास कोरगुड़ा से एक अंधविश्वास का मामला सामने आया है, जिसमें मिथिलेश कुमार देवांगन नामक एक 32 वर्षीय युवक की तबियत खराब हुई तब उसके इलाज करने के लिए उसके परिजनों व ग्रामीणों ने गोबर को पानी में घोल कर पिला दिया, और उसके ठीक होने का इंतजार करते रहे। जिससे स्थिति और बिगड़ गयी बाद में उसे बालोद जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 मिनट के अंदर उसकी मृत्यु हो गई, आज जब चिकित्सा विज्ञान ने अत्यधिक प्रगति कर ली है तब ऐसी घटनाएं अत्यंत दुखद है।

डॉ मिश्र ने जानकारी दी जब पता किया गया कि आखिर उस युवक को गोबर पानी क्यों पिलाया गया था, उसे क्या बीमारी हुई थी। तब उस युवक के परिजनों ने बताया कि उस युवक ने कनेर का फल खाने की बात घरवालों को बताई थी, जिसके उपचार के लिए उसे गोबर को पानी में घोल कर पिलाया गया। मिथिलेश कुमार देवांगन खेती किसानी के अलावा बुनकर का काम भी करता था। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. मिश्र ने कहा ग्रामीण अंचल में लोग अक्सर अंधविश्वास में पड़ कर उपचार के लिए अजीबो-गरीब तरीके अपनाते हैं जिससे कई बार मरीज की तबीयत सुधरने की बजाय और बिगड़ जाती हैं।

अगर किसी भी व्यक्ति ने किसी विषैले पदार्थ का सेवन कर लिया है तो उसको समय रहते अस्पताल पहुंचाना चाहिये। ताकि पीड़ित की जान बचाई जा सके। जब अंधविश्वास और भ्रम के कारण सही ढंग से इलाज नहीं हो पाता और ऐसी घटनाएं सामने आती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में मान्यता है, अगर कोई व्यक्ति कोई जहरीले पदार्थ का सेवन करता है, तो उसे गोबर पानी का घोल पीने से उल्टी हो जाएगी और बाहर आ जाएगा लेकिन आम तौर पर सफल नहीं होता।

Source : Agency

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